Welcome To Kesarwani samaj Online Magazine केसरवानी ऑनलाइन पत्रिका में आपका हार्दिक स्वागत है पत्रिका के सभी पाठकों से अनुरोध है की करोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सभी सावधानियां बरतें एवं अनावश्यक घर से बाहर ना निकले! अपने हाथ धोते रहे और मास्क का प्रयोग अवश्य करें
श्री गणेशाय नमः


Monday, March 2, 2009

होली ज़रूर खेले पर रखे इसका ध्यान

"होली" मतलब मस्ती, रंग, पिचकारी, हुडदंग, गुझिया और पकवान। बस कुछ ही दिनों बाद ११ मार्च २००९ को भारत का एक प्रमुख पर्व होली मनाई जायेगी। यह एक ऐसा त्यौहार है जिसमे लोग आपस के बैर भाव भुलाकर मस्ती के एक ही रंग मे रंग जाते है। मस्ती मे झूमते रंग बिरंगे चेहरों मे घुमते नाचते गाते लोगों कि टोलियाँ, लाल पीला हरा गुलाबी हवा मे उड़ता गुलाल, और बच्चे? तो पूछिए मत! पिचकारी और रंग लिए एक दूसरे के पीछे दौड़ते भागते दिखायी देते है। होली है ही ऐसा त्यौहार जो हमे सिखाता है कि हम अमीरी गरीबी, धर्म और जाति के भेद भाव से ऊपर उठकर एक रंग मे रंग जाए। कुछ लोग तो होली का बेसब्री से इंतज़ार करते है और खूब मस्ती करते है और कुछ लोग तो रंगों के डर से घर से बाहर ही नही निकलते है। कुछ को गुलाल से होली खेलना पसंद आता है तो किसी को रंग से भरी पिचकारी से।

भारत के अलग अलग प्रान्तों मे होली खेलने के अलग अलग ढंग है। ब्रज कि जहाँ लट्ठमार होली प्रसिद्ध है तो कहीं फूलों कि होली। कहीं कहीं तो सप्ताह भर तक होली खेली जाती है। पर सबका एक ही मकसद, भूल जाए सारे भेदभाव और डूब जाए मस्ती और प्रेम के रंग मे।

होली मस्ती से वैसे तो चूकना नही चाहिए पर होली खेलने से पहले कुछ सावधानियां अगर बरत ली जायें तो त्वचा और कत्रिम रंगों से होने वाले नुक्सान से काफ़ी हद तक बचा जा सकता है। एक समय था जब टेसू के फूल से रंग बनाये जाते है पर आजकल तो कत्रिम रंगों का ही बोलबाला है। ऐसे मे सावधानी बरतना बहुत ज़रूरी है।

कत्रिम रंगों मे कई तरह के रासायनिक और विषैले पदार्थ मिले होते है जो त्वचा, नाखून व नाक मुंह से शरीर मे प्रवेश कर जाते है जो हानिकारक होतें है। होली ज़रूर खेले पर निम्न बातों का भी ध्यान रखें तो होली कि मस्ती और बढ़ जायेगी-
  • जहाँ तक हो सके तो केवल प्राकृतिक और शुद्ध रंगों का ही इस्तेमाल करें
  • होली खेलने से पहले शरीर मे अच्छी तरह से तेल या वैसलीन लगा ले जिससे विषैले तत्व शरीर मे प्रवेश कर सकें
  • ऐसे कपड़े पहन कर होली खेले जिससे शरीर का अधिकांश हिस्सा ढका रहे
  • महिलाएं अपने नाखूनों पर नेल पोलिश लगा ले तो नाकों सुरक्षित रहेंगे
  • बालों पर भी अच्छी तरह से तेल लगा लेना चाहिए और हो सके तो टोपी का इस्तेमाल करे जिससे बाल बचे रहे।
  • होली खेलने के बाद रंग छुडाने के लिए मिटटी का तेल या पेट्रोल जैसे पदार्थ का प्रयोग न करें।
  • रंगों को छुडाने के लिए त्वचा को घिसना नही चाहिए इससे त्वचा मे जलन होगी
  • अपनी आखों का विशेष ध्यान रखें। आंखों को रंग, गुलाल, अबीर आदि से बचाएँ। यदि कुछ रंग आँख मे चला जाए तो तुंरत पानी से धो ले।
  • यदि रंग ना छूट रहें हो तो बेसन के उबटन से उसे छुडाना चाहिए।
  • रंग खेलने के बाद त्वचा रूखी हो जाती है अतः उसे तारो ताज़ा करने के लिए बेसन या मलाई का पेस्ट बना कर लगायें
उपरोक्त सावधानियां बरतते हुए यदि आप होली खेलेंगे तो आपके स्वास्थ्य पर भी कोई असर नही पड़ेगा और मस्ती भी दोगुनी हो जायेगी। फिर जम कर खेलिए होली और हमें भी बताईये कि आपने होली कैसी मनाई और क्या क्या मस्ती करी ? होली कि आपकी सब को बहुत बहुत बधाई

लगन हो तो नेत्रहीन भी आई ए एस

कहतें है हिम्मत हो तो क्या कुछ नही कर दिखाया जा सकता है। लगन , आत्मविश्वास और मेहनत से इंसान कुछ भी कर सकता है। ऐसी ही मिसाल है दिल्ली के रवि प्रकश गुप्ता जिन्होंने ने नेत्रहीन होते हुए भी वर्ष २००६ मे भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की परीक्षा मे सफलता का परचम लहराया। आई ए एस की परीक्षा पास करने के बावजूद उन्हें नियुक्ति नही दी जा रही थी जिसके खिलाफ वे न्यायालय गए और वहां भी उन्हें जीत हासिल हुई।

श्री रवि प्रकाश गुप्ता जी को रेटिना की रेटिना पिग्मेंतोसा नामक बिमारी हो गई थी जिसकी वजह से १९९१ से उनकी आंखों की रौशनी धीरे धीरे कम होने लगी और १९९४ तक उन्हें बिल्कुल दिखाई देना बंद हो गया। लेकिन उन्होंने नेत्रहीन होने के बावजूद हिम्मत नही हारी और लगन से पढ़ाई की और सफल हुए।

एक समाचार पत्र के साक्षात्कार मे वे कहते है की वे अपनी पत्नी रेणू से पुस्तकों की रिकॉर्डिंग कैसेट मे करवाते थे और फिर उसे सुन कर पढ़ाई करते थे। पहली बार की २००५ की परीक्षा मे वे साक्षात्कार मे नही पास हो पाए थे पर दूसरी बार २००६ मे वे सफल रहे और उन्होंने ने वो कर दिखाया जो नेत्रवालों को मुश्किल से हासिल हो पाता है। उन्होंने २००७ मे नियुक्ति न दिए जाने पर न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया था और अंततः जीत उनकी हुई।

सचमुच रवि प्रकाश गुप्ता जी की यह सफलता काबिले तारीफ़ और प्रेरक है। उन्हें इस उपलब्धि के लिए ढेरों बधायी।

Sunday, March 1, 2009

कविता : मस्ती, प्रेम, रंग, गुझिया का त्यौहार "होली"

बस कुछ ही दिन शेष है, रंगों के प्यारे के त्यौहार मे। रंग, पिचकारी, गुझिया, मस्ती का त्यौहार होली !!
प्रस्तुत है रवि केशरी जी कि कविता होली के सन्दर्भ मे-

रंग फुहारों से हर ओर

भींग रहा है घर आगंन

फागुन के ठंडे बयार से

थिरक रहा हर मानव मन !




लाल गुलाबी नीली पीली

खुशियाँ रंगों जैसे छायीं

ढोल मजीरे की तानों पर

बजे उमंगों की शहनाई !




गुझिया पापड़ पकवानों के

घर घर में लगते मेले

खाते गाते धूम मचाते

मन में खुशियों के फूल खिले !




रंग बिरंगी दुनिया में

हर कोई लगता एक समान

भेदभाव को दूर भागता

रंगों का यह मंगलगान !




पिचकारी के बौछारों से

चारो ओर छाई उमंग

खुशियों के सागर में डूबी

दुनिया में फैली प्रेम तरंग !



- रवि प्रकाश केशरी
वाराणसी

Wednesday, February 11, 2009

Kesarwani Matrimonial: Shalini Kesarwani

Name: Shalini Kesarwani

Date Of Birth: Sep, 01, 1976

Height: 5' 2"

Father's Name: B. N. Kesarwani

Educational Qualification: Graduate

Current Occupation: Teaching

Hobbies And Interest: Cooking, Painting etc.

Contact Address: H.No. 512/46, 7th Lane, Nishatganj, Lucknow, Uttar Pradesh, India.

Phone: 0522-2780480

Email: kshalini32@yahoo.co.in

Tuesday, January 20, 2009

Kesarwani Matrimonial: Sandeep Keshri

Name : Sandeep Keshri

Date of Birth : August 8, 1984

Height :5' 8"

Father's name : S. P. Keshri

Educational Qualification :10+2

Current occupation :Business

Contact No : 9312418869

कविता: दशा

गहन तिमिर है
नील गगन में
सूरज का कुछ पता नहीं
मंजिल ख़ुद ही ढूंढ़ रही है
राहों का कुछ पता नहीं !

सागर सी विस्तृत आशाएं
नया धरातल खोज रही है
मीठे जल के ढेरों उदगम
प्यासे का पता पूछ रही है !

मन है विचलित
तन अकुलाये
भ्रमित हो रही दृष्टी है
नव निर्माणित सपनों पर
होती ओलावृष्टि है !

तनिक नहीं आराम जिया में
हर पल घबराया रहता है
अपनों में बेगानों को प्
हर दम पगलाया रहता है !

- रवि प्रकाश केशरी
वाराणसी

Sunday, January 11, 2009

बाल कविता: चुन्नू चला स्कूल

नटखट गोलमटोल सा
लिए हाथ में रुल
पीठ पर लादे छोटा बस्ता
चुन्नू चला स्कूल!

एक हाथ में थर्मस थामे
दूजे में लिए टाफी
ब्रेड जैम बिस्किट टिफिन में
चुन्नू के लिए काफी!

दिन भर बिता स्कूल में
होती रही बस मस्ती
घर लौटे चुन्नू को देख
मम्मी उसकी हंसती
-रवि प्रकाश केशरी
वाराणसी

Kesarwani Matrimonial: Arun Kesarwani

Name: Arun Kesarwani

Date Of Birth: June 2, 1980

Height: 5' 10"

Father's Name: Late Dina Nath Kesarwani

Educational Qualification: Graduate

Current Occupation: Business

Hobbies And Interest: Cricket

Email: siddakk.ashish@gmail.com

Mobile: 9838535401

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