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श्री गणेशाय नमः


Wednesday, July 29, 2020

Hindi Kavita जीवन की बस आस तुम्ही हो

मन वीणा के तार बजा दो।
 जीवन के संगीत तुम्ही हो।
 तुम बिन कैसे जी पाऊंगा?
 मेरे तो मनमीत तुम्ही हो।

            जीवन मेरा सुखा मधुवन।
             जीवन का मधुमास तुम्ही हो।
             गंधहीन एक शुष्क पुष्प मैं।
              जीवन का सुन्दर बास तुम्ही हो।

 निराधार है जीवन मेरा।
 जीवन का आधार तुम्ही हो।
 इस पागल दीवाना के,
 जीवन का पहला प्यार तुम्ही हो।

                      डोल रही है जीवन नैया।
                       इसके तो पतवार तुम्ही हो।
                        जीवन मेरा सूखी नदिया,
                        मेरे पारावार तुम्ही हो।

 मिले बहुत पथ में लकिन,
 मेरी तो बस प्यास तुम्ही हो।
 अपना सब कुछ आज लुटा दूं।
 जीवन की बस आस तुम्ही हो ।


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