Welcome To Kesarwani samaj Online Magazine केसरवानी ऑनलाइन पत्रिका में आपका हार्दिक स्वागत है पत्रिका के सभी पाठकों से अनुरोध है की करोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सभी सावधानियां बरतें एवं अनावश्यक घर से बाहर ना निकले! अपने हाथ धोते रहे और मास्क का प्रयोग अवश्य करें
श्री गणेशाय नमः


Monday, January 5, 2009

कविता: पतंग

ठुम्मक ठुम्मक
चले हवा में
मेरी लाली लाल
पतंग


सतरंगे डोरे से
बांधी
आसमान में
नाचे पतंग


फर फर उड़ती
तितली जैसी
इठलाये बलखाये
पतंग


मन की खुशियाँ
नभ से ऊँची
उम्मीदों की
सोच पतंग


रवि प्रकाश केशरी,
वाराणसी

Tuesday, December 30, 2008

बच्चों की मनोरंजक पत्रिका 'चम्पक' पढ़े फ्री ऑनलाइन

मुझे याद है अपने बचपन के दिन जब चम्पक जैसी पत्रिका के नए अंक का बेसब्री से इंतज़ार होता था और जैसे ही पत्रिका हाँथ आती थी बस अगले एक दो दिन बस कहानिओं मे ही डूबे रहते थे। सच माने तो नंदन, चम्पक और चंदामामा जैसी पत्रिकाओं को पढ़ते हुए बचपन कि यादें आज भी तारो ताज़ा है। आज भी अगर हाथ लग जाए तो बचों कि कहानिया पढने मे बचपन याद आ जाता है। अब आजकल के इन्टरनेट के ज़माने मे बचों के लायक तो बहुत कुछ है पर फ़िर भी चम्पक जैसी पत्रिका की बात ही कुछ और है।


चलिए बच्चों के लिए एक खुशखबरी कि अब वे चम्पक के नए व् पुराने अंक ऑनलाइन फ्री मे इन्टरनेट पार पढ़ सकतें है बिल्कुल पत्रिका जैसा मज़ा और न फटने का डर न किसी के ले जाने का। मेरे ज़माने मे तो दोस्त भी मांग कर पढ़ते थे और अक्सर वापस ही नही करते थे। अब इस झंझट से भी छुटकारा। तो बच्चों ऑनलाइन फ्री चम्पक कि मजेदार कहानियाँ पढ़े और आनंद ले... ये रहा लिंक >>चम्पक पढ़े फ्री ऑनलाइन >>

Sunday, December 28, 2008

कविता: नया विहान

देखो नया विहान हो गया
चंदा का अवसान हो गया
सूरज चमका नई चमक से
नए साल का निर्माण हो गया !


बढ़ते कटुता के दौर में
लोगों का इमान खो गया
बची खुची मानवता से खुश
फ़िर से देखो इंसान हो गया !


प्रकृति के सुंदर फूलों से
सृष्टी का परिधान हो गया
मिल बैठ कर बतियाने से
संकट का समाधान हो गया !


नव वर्ष की शुभ बेला में
देखो मंगलगान हो गया
हँसी खुशी के नए दौर में
मानव पुनः महान हो गया !

-रवि प्रकाश केशरी
वाराणसी

Wednesday, December 17, 2008

कविता: सर्दी

सर्दी की कुनकुनी धूप
छत पर उतर आई है
कुहासे के चादर से ढकी
अलसाई सुबह शरमाई है !
पंखुडी पर टिकी ओस
जमीं से मिलने को तैयार है
अधूरे ख्वाबों की राह में
उम्मीद की किरण ज्यादा है !
सर्द हवा हौले -हौले
मन में सिहरन फैलाती है
कुहासे की तरह अपना
विस्तार फैलाती है


-रवि प्रकाश केशरी
वाराणसी


कविता: संस्कार

हर व्यक्ति का अपना
आसमान होता है
चलने के लिए ज़मीन
पर छूने के लिए वह
आसमान ही चाहता है
आसमान ऊंचा होता है
व्यक्ति बौना ही रह जाता है
आकाश की ऊँचाई को छूना
हर एक के लिए सम्भव भी कहाँ होता है,
किंतु व्यक्ति होता है अपने संस्कारों का दास
इसलिए अपनी बुनियादी पहचान पाने के लिए
वह शून्य मै छलाँग लगाता है
आकाश की बुलंदी को छूकर
अपने पाँव धरती पर और
मजबूती से जमा लेता है

लेखक: नवीन केसरवानी
नॉएडा

Friday, December 12, 2008

Kesarwani Matrimonial: Saurabh Kesarwani

Name: Saurabh Kesarwani

Date Of Birth: June 18, 1983

Height: 5 Foot 4 Inch

Educational Qualification: Bachelor's in Technology

Current Occupation: Working in U.S.A. based Software Company

Father's Name: Shri O. P. Kesarwani

E-mail: saurabh.gnitian@gmail.com

MobileNo (India) : 91- 9849244310

बाल कविता: आशा

आशा चली स्कूल
पढ़ने बढ़ने के वास्ते
अक्षर अक्षर जोड़ने से
खुलेंगे सफलता के रास्ते

लिए हाथ में कलम
बढेगी हरदम आगे
पढने लिखने से बदलेगी
जीवन की हर परिभाषा

ज्ञान भरी किताबों में
छुपें हैं जीवन के संदेश
पढ़ने लिखने से आशा
घूम सकेगी देश विदेश

-रवि प्रकाश केशरी
वाराणसी

नव विवाहित युगल: तृप्ति एवं मयंक

छत्तीसगढ़ के श्री अश्विनी केसरवानी, जो की केसरवानी सभा छत्तीसगढ़ के निवर्तमान अध्यक्ष रह चुके है उनकी सुपुत्री सुश्री तृप्ति का विवाह गत २ दिसम्बर को श्री मयंक के साथ धूम धाम से संपन्न हुआ और दोनों परिणयसूत्र मै बाँध गए। केसरवानी समाज की ऑनलाइन पत्रिका के सम्पादक, लेखकगण एवं पाठकों की ओर से नवविवाहित दंपत्ति को हार्दिक शुभकामनाएं । हमारी शुभकामनाएं है की नवविवाहित दंपत्ति आजीवन सुखमय जीवन व्यतीत करें। (सम्पादक: विवेक केसरवानी)

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