ठुम्मक ठुम्मक
चले हवा में
मेरी लाली लाल
पतंग
सतरंगे डोरे से
बांधी
आसमान में
नाचे पतंग
फर फर उड़ती
तितली जैसी
इठलाये बलखाये
पतंग
मन की खुशियाँ
नभ से ऊँची
उम्मीदों की
सोच पतंग
रवि प्रकाश केशरी,
वाराणसी
चले हवा में
मेरी लाली लाल
पतंग
सतरंगे डोरे से
बांधी
आसमान में
नाचे पतंग
फर फर उड़ती
तितली जैसी
इठलाये बलखाये
पतंग
मन की खुशियाँ
नभ से ऊँची
उम्मीदों की
सोच पतंग
रवि प्रकाश केशरी,
वाराणसी
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