पाँच साल मे एक बार
आता यह त्यौहार
जनता के आगे हाथ जोड़ते
सत्ता के ठेकेदार
सत्ता के ठेकेदार
मिल जुल कर बतियाते हैं
गर गलती से जीत गए
तो मिलकर सब चट कर जाते हैं
कहे केशरी इन लोगों की
नही कोई जमात
सत्ता मे आते ही मारे
जनता को दो लात
- सवी प्रकाश केशरी
वाराणसी
1 comment:
Ravi Ji, bahut acchi kavita likhi hai aapne. Is Kesarwani Online Magazine me aapki kai kavitaen padhne ko mili. Aise hi lagataar khoobsoorat rachnayen likhte raahiye.
Anand Kesari
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