मेरे दिल में मौजूद है
मेरे दिल तोड़ने वाला शख्स का
मेरे दिल में वजूद है !
अब तन्हाइयों बिना
जीने से डर लगता है
हर चेहरे में उसका बस
बस उसका अक्स दिखताहै !
खामोश लब झुकी निगाहें
इस बात का करती बयां है
बिना उसके मेरे लिए
क्या जमीं क्या आसमा !
-रवि प्रकाश केशरी
वाराणसी