Welcome To Kesarwani samaj Online Magazine केसरवानी ऑनलाइन पत्रिका में आपका हार्दिक स्वागत है पत्रिका के सभी पाठकों से अनुरोध है की करोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सभी सावधानियां बरतें एवं अनावश्यक घर से बाहर ना निकले! अपने हाथ धोते रहे और मास्क का प्रयोग अवश्य करें
श्री गणेशाय नमः


Monday, March 16, 2009

पुणे मे प्रथम केसरवानी होली मिलन कार्यक्रम संपन्न

केसरवानी समाज के लोगों को एक सूत्र मे पिरोने मे तथा उन्हें एक दूसरे को जानने समझने मे स्थानीय स्तर पर छोटे छोटे कार्यक्रम का विशेष महत्त्व होता है। पूरे देश मे केसरवानी संगठन एवं समाज के कार्यकर्ताओं द्वारा कार्यक्रम हुआ करते है। इसी क्रम मे श्री मनोज कुमार केसरवानी ने संभवतः पहली बार पुणे शहर मे केसरवानी बंधुओं का एक होली मिलन समाहरोह दिनांक १५ मार्च २००९ को चोखी धानी विलेज, वाघोली, पुणे मे आयोजित किया जिसमे केसरवानी समाज के कई पुरूष, महिलाओं एवं बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

इस आयोजन मे केसरवानी बंधुओं ने एक दूसरे का परिचय प्राप्त किया, ऊँट की सवारी का आनंद लिया, खेल खेले, घूमर नृत्य का आनंद लिया एवं अंत मे रात्रि मे मिलजुल कर एकसाथ भोज का आनंद लिया। इस सफलपूर्वक आयोजित कार्यक्रम मे दीप्ति केशरी, प्रशांत एवं स्वेता का भी योगदान रहा।

होली मिलन का सामूहिक फोटो

एक दूसरे का परिचय प्राप्त करते केसरवानी सहभागी


श्री मनोज कुमार केसरवानी घंटा बजाते हुए


बोलिंग खेल का आनंद लेते हुए

भाई ऊँट की सवारी... वाह क्या कहने



घूमर नृत्य का दृश्य


एकसाथ रात्री भोज का आनंद लेते हुए

पुणे मे आयोजित केसरवानी होली मिलन समारोह के अन्य छायाचित्र आप इस लिंक के जरिये देख सकतें है। यदि आप केसरवानी याहू ग्रुप के सदस्य हैं तो ग्रुप के फोटो सेक्शन मै भी आप इसे देख सकते है।

आशा है भविष्य मे इस तरह के और सफल कार्यक्रम आयोजित होते रहेंगे जिससे केसरवानी समाज मे परस्पर मैत्री और प्रेम का और विकास होगा।

Saturday, March 14, 2009

एक अजन्मी बेटी की चिट्ठी माता पिता और समाज के नाम

चार माह कि बच्ची थी। इस इंतज़ार मे कि इस दुनिया मे आएगी, खूब पढेगी लिखेगी और अपने माता पिता का नाम रोशन करेगी। अनेकों रिश्तों को अपने भीतर समेटे हुए एक नई दुनिया मे आने के उल्लास से भरी हुई थी। पहले बेटी का फ़र्ज़ निभाएगी और फ़िर एक पत्नी का और फ़िर एक माँ का। रक्षाबंधन पर अपने प्यारे भाई कि कलाई पर राखी बांधेगी... पर उसे क्या पता था कि बाहर क्या हो रहा है। उसके माँ बाप और परिवार वालों को तो सिर्फ़ बेटे का इंतज़ार था। मशीनों के ज़रिये चुपके से उसकी जांच पड़ताल कराई जा रही थी और यह जानकर कि वह एक कन्या है उसे मारने कि तैयारी चल रही थी। पर न जाने कैसे उसे भनक लग गई और आँख मे आंसू लिए फ़िर उसने मरते मरते लिखी एक चिट्ठी......

प्यारे मम्मी पापा और प्यारे समाज
क्यूँ मार दिया मुझे आपने
इस दुनिया मे आने से पहले
क्यूँ मार दिया मुझे आपने
यह जानकर कि मै एक लड़की हूँ?
क्या यह सोचकर कि
बनूँगी आपके जीवन पर एक बोझ
जिसे ढोना पड़ेगा मेरी शादी तक
मुझे खिलाओगे पिलाओगे
पढाओगे लिखाओगे और एक दिन
करना पड़ेगा विदा
भेजना पड़ेगा परदेस
बांधना पड़ेगा मुझे किसी खूटे से
एक निरीह गाय की तरह
क्या इस डर से मार दिया मुझे आपने
इस दुनिया मे आने से पहले?
कि जुटाना पड़ेगा दहेज़
विवाह मे जाने होगा कितना दहेज़
जुड़ पाया दहेज़ तो गिरवी रखनी होगी
जमा पूँजी, मकान और जीवन,
क्या इस वजह से मार दिया मुझे
अरे अगर लगता है बेटी एक बोझ
तो देखो एक बार अपनी माँ की तरफ़
वो भी थी किसी कि बेटी
और अगर वोह भी मार दी गई होती
पैदा होने से पहले तो
नही होता आपका कोई अस्तित्व
किसी कि बेटी के कारण ही
है आज है आप लोगों का जीवन
और आज हो गई है नफरत
आपको अपनी ही बेटी से
क्या इसी लिए मार दिया आपने
मुझे इस दुनिया मे आने से पहले?
मेरे मम्मी पापा और मेरे प्यारे समाज
अगर आप सब ऐसे ही मारते रहे
ढूंढ ढूंढ कर बेटिओं को
इस दुनिया मे आने से पहले
तो कैसे आयेंगे भविष्य मे बेटे?
क्यूंकि बेटा भी तो जानती है माँ
और बेटी ही तो बनती है एक माँ
काश आप मुझे मरने से बचा लेते
मुझे आने देते इस संसार मे
मै नही बनती आप पर कोई बोझ
मै पढ़ लिख कर अपने पैरों पर खड़ी हो सकती थी,
और ठुकरा सकती थी दहेज़ लोभी वर को
मै अपनी आत्म शक्ति और आत्मनिर्भरता से
लड़ लेती इस संसार से
मै भी उड़ना चाहती थी
स्वछंद आकाश मे
पर आपने छीन ली मुझसे
मेरी इच्छाएं और आकांक्षाएं
और मर जाने दिया मुझे अपने स्वार्थ मे
आपके इस अपराध के लिए
मै आपको कभी माफ़ नही कर सकती
कभी नही , कभी नही , कभी नही
----आपकी अजन्मी बेटी

Tuesday, March 10, 2009

वाराणसी मे केसरवानी होली मिलन समारोह

मित्रों आगामी १५ मार्च २००९ को जैन धर्मशाला, मैदागिन, वाराणसी मे सायंकाल ५ बजे से होली मिलन एवम शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम कि विस्तृत विवरण निम्न है-

रंगारंग होलियाना गीत -
गायक- महेंद्र मिश्रा एवं मनोज तिवारी
मुख्य अतिथि-
माननीय नन्द गोपाल गुप्ता, (नंदी) प्रदेश अध्यक्ष एवं मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार
विशिष्ट अतिथि-
श्री अरुण गुप्ता, (प्रदेश अध्यक्ष) अखिल भारतीय केसरवानी वैश्य सभा, एवं श्री अनिल केशरी (केशरी फिल्लिंग) वाराणसी

संरक्षक :
अजय केशरी (राष्ट्रीय महामंत्री)
संजय केशरी (प्रदेश महामंत्री)
सुनील केशरवानी 'राना' (प्रदेश संगठन मंत्री)
बबलू मामा ( प्रदेश मंत्री)

कार्यक्रम संयोजक-
आत्म विशेश्वर, गोपाल गुरु, राजेश केशरी, महेंद्र दरीबा, सुरेश केशरी, विजय, संदीप केशरी (सोनू), नागेश केशरी

अध्यक्ष
विजय केशरी
वरिष्ठ उपाध्यक्ष
महेंद्र केशरी
महामंत्री
लल्ली चौधरी
कोषाध्यक्ष
संतोष केशरी

हंसो हंसो, मौज मनाओ, साथ मे बनारसी ठंडाई एवं चकाचक रात्रि भोज के साथ मौज मनाओ
(सूचना श्री रवि प्रकाश केशरी, वाराणसी द्वारा प्रेषित)

Saturday, March 7, 2009

कविता: नारी {८ मार्च नारी दिवस विशेष}

वर्षो से जकड़ी जंजीरे
तोड़ दे सरे बंधन
नित आगे बढ़ने से तेरा
होगा हरदम अभिनन्दन !
घर की ऊँची दीवारों में
तू क्यों आंसू रोती है
दिया ईश ने तुझको शक्ति
फ़िर क्यो अबला बनती है !
तू सीता है तू सावित्री
तू इंदिरा तू लक्ष्मीबाई
तेरे चरणों में हरदम
दुनिया शीश झुकाती आई !
तू शिव की शक्ति है
और ईश की माया
तेरे को जिसने दुत्कारा
वो पीछे पछताया !
उठ जा तन जा हो तैयार
जग से ले लोहा एक बार
तेरे बुलंद हौसले से होगी
होगी तेरी विजय हर बार !
-रवि प्रकाश केशरी
वाराणसी {९८८९६८५१६८}

Monday, March 2, 2009

Kesarwani Matrimonial: Sushil Chandra Kesarwani


Name : Sushil Chandra Kesarwani

Date Of Birth: October 26, 1978

Father's Name: Sangam Lal Kesarwani

Father's Occupation: Business

Mother's Name: Smt. Vijay Laxmi (Housewife)

Height: 5" 1'

Physical Stature: Slim, Athletic and Fair complexion

Educational Qualification: MBA from Lucknow University ( Specialisation in Marketing)

Current Occupation: Service ( Working as a Territory Sales Manager- Sales in Oxygen Services India Pvt Ltd. Lucknow)

Annual Income: 3.5 Lacs PA

Hobbies and Interests: Listening to Music, Watching and playing Cricket, Reading Books and Magazines, Travelling etc.

Brother's Name: Sachin Kumar Kesarwani

Sister: Smt Neetu Kesarwani (Married)

Brother-In-Law: Mr. Prashant Kesarwani

Permanent Address: 917, Chandapur Ka Hatha, (Beside Ram Krishna Mission Library, Mutthiganj, Allahabad, Uttar Pradesh, India.

Mailing Address: B 1/208, Vikrant Khand, Gomtinagar, Lucknow.

Email: sushil.kesarwani@myoxigen.com, sushil_luko@rediffmail.com

Mobile: +919793858888, +919307446528

Brief Summary: I am Sushil currently working in Telecom Industry. I am handsome, slim and good-looking guy. I love reading, listening Music, Playing cricket and travelling. My Hobbies include making friends and sitting beside a river or sea. I have nuclear family, which include parents and Younger brother and sister. My Goal in life is to earn name fame and of course a lot of money and be successful in whatever I do. I value Indian traditions and culture mixed with modernity. The Kind of spouse I am looking for who has a right mix of modernity and Indian values. She should know cooking. She must be straightforward, honest and loyal. She should be slim, fair and beautiful. She should be caring loving and understanding. She should be intelligent along with good sense of humor. She should happen to be a good life partner.

होली ज़रूर खेले पर रखे इसका ध्यान

"होली" मतलब मस्ती, रंग, पिचकारी, हुडदंग, गुझिया और पकवान। बस कुछ ही दिनों बाद ११ मार्च २००९ को भारत का एक प्रमुख पर्व होली मनाई जायेगी। यह एक ऐसा त्यौहार है जिसमे लोग आपस के बैर भाव भुलाकर मस्ती के एक ही रंग मे रंग जाते है। मस्ती मे झूमते रंग बिरंगे चेहरों मे घुमते नाचते गाते लोगों कि टोलियाँ, लाल पीला हरा गुलाबी हवा मे उड़ता गुलाल, और बच्चे? तो पूछिए मत! पिचकारी और रंग लिए एक दूसरे के पीछे दौड़ते भागते दिखायी देते है। होली है ही ऐसा त्यौहार जो हमे सिखाता है कि हम अमीरी गरीबी, धर्म और जाति के भेद भाव से ऊपर उठकर एक रंग मे रंग जाए। कुछ लोग तो होली का बेसब्री से इंतज़ार करते है और खूब मस्ती करते है और कुछ लोग तो रंगों के डर से घर से बाहर ही नही निकलते है। कुछ को गुलाल से होली खेलना पसंद आता है तो किसी को रंग से भरी पिचकारी से।

भारत के अलग अलग प्रान्तों मे होली खेलने के अलग अलग ढंग है। ब्रज कि जहाँ लट्ठमार होली प्रसिद्ध है तो कहीं फूलों कि होली। कहीं कहीं तो सप्ताह भर तक होली खेली जाती है। पर सबका एक ही मकसद, भूल जाए सारे भेदभाव और डूब जाए मस्ती और प्रेम के रंग मे।

होली मस्ती से वैसे तो चूकना नही चाहिए पर होली खेलने से पहले कुछ सावधानियां अगर बरत ली जायें तो त्वचा और कत्रिम रंगों से होने वाले नुक्सान से काफ़ी हद तक बचा जा सकता है। एक समय था जब टेसू के फूल से रंग बनाये जाते है पर आजकल तो कत्रिम रंगों का ही बोलबाला है। ऐसे मे सावधानी बरतना बहुत ज़रूरी है।

कत्रिम रंगों मे कई तरह के रासायनिक और विषैले पदार्थ मिले होते है जो त्वचा, नाखून व नाक मुंह से शरीर मे प्रवेश कर जाते है जो हानिकारक होतें है। होली ज़रूर खेले पर निम्न बातों का भी ध्यान रखें तो होली कि मस्ती और बढ़ जायेगी-
  • जहाँ तक हो सके तो केवल प्राकृतिक और शुद्ध रंगों का ही इस्तेमाल करें
  • होली खेलने से पहले शरीर मे अच्छी तरह से तेल या वैसलीन लगा ले जिससे विषैले तत्व शरीर मे प्रवेश कर सकें
  • ऐसे कपड़े पहन कर होली खेले जिससे शरीर का अधिकांश हिस्सा ढका रहे
  • महिलाएं अपने नाखूनों पर नेल पोलिश लगा ले तो नाकों सुरक्षित रहेंगे
  • बालों पर भी अच्छी तरह से तेल लगा लेना चाहिए और हो सके तो टोपी का इस्तेमाल करे जिससे बाल बचे रहे।
  • होली खेलने के बाद रंग छुडाने के लिए मिटटी का तेल या पेट्रोल जैसे पदार्थ का प्रयोग न करें।
  • रंगों को छुडाने के लिए त्वचा को घिसना नही चाहिए इससे त्वचा मे जलन होगी
  • अपनी आखों का विशेष ध्यान रखें। आंखों को रंग, गुलाल, अबीर आदि से बचाएँ। यदि कुछ रंग आँख मे चला जाए तो तुंरत पानी से धो ले।
  • यदि रंग ना छूट रहें हो तो बेसन के उबटन से उसे छुडाना चाहिए।
  • रंग खेलने के बाद त्वचा रूखी हो जाती है अतः उसे तारो ताज़ा करने के लिए बेसन या मलाई का पेस्ट बना कर लगायें
उपरोक्त सावधानियां बरतते हुए यदि आप होली खेलेंगे तो आपके स्वास्थ्य पर भी कोई असर नही पड़ेगा और मस्ती भी दोगुनी हो जायेगी। फिर जम कर खेलिए होली और हमें भी बताईये कि आपने होली कैसी मनाई और क्या क्या मस्ती करी ? होली कि आपकी सब को बहुत बहुत बधाई

लगन हो तो नेत्रहीन भी आई ए एस

कहतें है हिम्मत हो तो क्या कुछ नही कर दिखाया जा सकता है। लगन , आत्मविश्वास और मेहनत से इंसान कुछ भी कर सकता है। ऐसी ही मिसाल है दिल्ली के रवि प्रकश गुप्ता जिन्होंने ने नेत्रहीन होते हुए भी वर्ष २००६ मे भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की परीक्षा मे सफलता का परचम लहराया। आई ए एस की परीक्षा पास करने के बावजूद उन्हें नियुक्ति नही दी जा रही थी जिसके खिलाफ वे न्यायालय गए और वहां भी उन्हें जीत हासिल हुई।

श्री रवि प्रकाश गुप्ता जी को रेटिना की रेटिना पिग्मेंतोसा नामक बिमारी हो गई थी जिसकी वजह से १९९१ से उनकी आंखों की रौशनी धीरे धीरे कम होने लगी और १९९४ तक उन्हें बिल्कुल दिखाई देना बंद हो गया। लेकिन उन्होंने नेत्रहीन होने के बावजूद हिम्मत नही हारी और लगन से पढ़ाई की और सफल हुए।

एक समाचार पत्र के साक्षात्कार मे वे कहते है की वे अपनी पत्नी रेणू से पुस्तकों की रिकॉर्डिंग कैसेट मे करवाते थे और फिर उसे सुन कर पढ़ाई करते थे। पहली बार की २००५ की परीक्षा मे वे साक्षात्कार मे नही पास हो पाए थे पर दूसरी बार २००६ मे वे सफल रहे और उन्होंने ने वो कर दिखाया जो नेत्रवालों को मुश्किल से हासिल हो पाता है। उन्होंने २००७ मे नियुक्ति न दिए जाने पर न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया था और अंततः जीत उनकी हुई।

सचमुच रवि प्रकाश गुप्ता जी की यह सफलता काबिले तारीफ़ और प्रेरक है। उन्हें इस उपलब्धि के लिए ढेरों बधायी।

Sunday, March 1, 2009

कविता : मस्ती, प्रेम, रंग, गुझिया का त्यौहार "होली"

बस कुछ ही दिन शेष है, रंगों के प्यारे के त्यौहार मे। रंग, पिचकारी, गुझिया, मस्ती का त्यौहार होली !!
प्रस्तुत है रवि केशरी जी कि कविता होली के सन्दर्भ मे-

रंग फुहारों से हर ओर

भींग रहा है घर आगंन

फागुन के ठंडे बयार से

थिरक रहा हर मानव मन !




लाल गुलाबी नीली पीली

खुशियाँ रंगों जैसे छायीं

ढोल मजीरे की तानों पर

बजे उमंगों की शहनाई !




गुझिया पापड़ पकवानों के

घर घर में लगते मेले

खाते गाते धूम मचाते

मन में खुशियों के फूल खिले !




रंग बिरंगी दुनिया में

हर कोई लगता एक समान

भेदभाव को दूर भागता

रंगों का यह मंगलगान !




पिचकारी के बौछारों से

चारो ओर छाई उमंग

खुशियों के सागर में डूबी

दुनिया में फैली प्रेम तरंग !



- रवि प्रकाश केशरी
वाराणसी

Labels