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श्री गणेशाय नमः


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Tuesday, May 7, 2013

Keshri Matrimonial: Naresh Kumar Kesari

Name: Naresh Kumar Kesari


Sex: Male

Height: 5' 9"

Date Of Birth: April 13, 1987

Father's Name: Mr. Ashok Kumar Keshari

Educational Qualification: M.Com Final

Current Occupation/ Location: ---

Hobbies And Interest: Chess, Music, T.V., Films etc

Contact Address: Oppsite Suner Lodge, Old Cinema Road, Robertsganj, Sonbhadra-231216

Native Place: Robertsganj, Sonbhadra, India.

Contact no.:5444222602
 


Email:  nareshsafari007@gmail.com

Saturday, August 8, 2009

पालीथीन समस्या और समाधान

पालीथीन का प्रयोग हमारे पर्यावरण को बहुत ही दूषित कर रहा हैघटिया स्तर कि पालीथीन के संपर्क मे कर खाद्य पदार्थ तो दूषित होते ही है इसके अलावा कई गाय भी पालीथीन के कारण मृत्यु का शिकार हों चुकी हैदेश के हर शहरों मे बारिश होने पर नालियों मे पालीथीन के वजह से जल भराव जैसी विकट समस्या का सामना करना पड़ता हैपालीथीन मे प्रयोग होने वाले रासायनिक तत्व कृषि योग्य भूमि को भी बहुत नुक्सान पहुँचातें है क्यूंकि पालीथीन वर्षों तक नष्ट नही होती हैइस समस्या से निपटने के लिए हम सब मिलकर निम्न उपाय कर सकतें है

  • अनुपयोगी प्लास्टिक, पालीथीन, कागज़ इत्यादि को अक बैग मे रखतें जायें और इकठ्ठा हों जाने पर कबाडी वाले को दे दे।
  • निर्धन वर्ग के लोग पालीथीन को इकठ्ठा करके तकिया बना सकतें है अथवा उसकी रजाई बना सकतें है। इसके अलावा इसे गद्दा बना कर प्रयोग मे लाया जा सकता है।
  • गाँव मे कोयला जलने के लिए आज भी मिटटी का तेल का प्रयोग किया जाता है। इसके बजाय सूक्ष्म स्तर पर पालीथीन का प्रयोग कोयला जलाने के लिए किया जा सकता है।
  • धार्मिक अथवा सामाजिक कार्यक्रमों मे होने वाले भोज मे डिस्पोसेबल प्लेट व् ग्लास की बजाय पत्तल का प्रयोग किया जा सकता है।
  • भोजन समारोह मे एक ही डिस्पोसेबल पानी के ग्लास को अलग अलग पेय पदार्थों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है ।
  • दूकानदारों को भी पालीथीन का कम से कम प्रयोग करना चाहिए तथा अपने ग्राहकों से निवेदन करके पालीथीन के बजाय झोले के प्रयोग हेतु प्ररित किया जा सकता है।
  • सरकार को पालीथीन के प्रयोग को कम करने के लिए आकर्षक स्लोगन जैसे "पालीथीन से करें इनकार- लायें जीवन मे बहार" को प्रसारित एवं प्रचारित करना चाहिए तथा पालीथीन के दुष्प्रभावों का भी प्रचार करना चाहिए।
  • पालीथीन के बजाय कपड़े, कागज़ के बैग व् थैले का प्रयोग करना चाहिए।
  • सरकार को पालीथीन खरीद केन्द्र बनने चाहिय जिससे प्रयोग मे ना आने वाली प्लाटिक व् पालीथीन को इकठ्ठा करके री-साइकिल किया जा सके।
  • पालीथीन के बैग मे खाद्य पदार्थ को भरकर बाहर नही फेकना चाहिए। इसको खाकर गाय जैसी उपयोगी जानवर कि मृत्यु भी हों सकती है।
इसी तरह के कई अन्य बातों को अमल मे लाकर हम पालीथीन के होने वाले दुष्प्रभावों से अच् सकतें है बस ज़रूरत है मिलजुल कर इस विषय पर काम करने कि और छोटी छोटी बातों पर अमल करने किआइये हम सब मिलकर पालीथीन को ना कहें और अपने पर्यावरण को स्वच्छ बनाएं

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