Name: Uday Kumar Keshri
Date Of Birth: January 6, 1980
Father's Name: Shri Jawahar Prasad Keshri
Educational Qualification: B.E. (Civil)
Current Occupation: Working in Railways as Group "A" officer
Hobbies And Interests: Playing Cricket, Badminton
Email: udaykeshri@yahoo.co.in
श्री गणेशाय नमः
Monday, March 30, 2009
Kesarwani Matrimonial: Uday Kumar Keshri
Kesarwani Matrimonial: Shalini Gupta
Name: Shalini Gupta
Date Of Birth: July 07, 198 Height: 5" 2'
Father's Name: Sri Ram Pal Gupta
Educational Qualification: Post Graduate (M.A.)
Current Occupation: Running Ladies Beauty Parlour
Hobbies And Interests: Cooking, Painting etc.
Contact Address: Tarhati, Rewa, Madhya Pradesh, India
Phone: 9827518878
Email: shalini09_in@yahoo.com, rajeshkg_2000@yahoo.com
Sunday, March 29, 2009
आप और तिल- शरीर मे तिल होने का फल
शरीर पर तिल होने का फल
माथे पर---------बलवान हो
ठुड्डी पर--------स्त्री से प्रेम न रहे
दोनों बांहों के बीच--यात्रा होती रहे
दोनों बांहों के बीच--यात्रा होती रहे
दाहिनी आंख पर----स्त्री से प्रेम
बायीं आंख पर-----स्त्री से कलह रहे
दाहिनी गाल पर-----धनवान हो
बायीं गाल पर------खर्च बढता जाए
होंठ पर----------विषय-वासना में रत रहे
कान पर----------अल्पायु हो
गर्दन पर----------आराम मिले
दाहिनी भुजा पर-----मान-प्रतिष्ठा मिले
बायीं भुजा पर------झगडालू होना
नाक पर----------यात्रा होती रहे
दाहिनी छाती पर-----स्त्री से प्रेम रहे
बायीं छाती पर------स्त्री से झगडा होना
कमर में-----------आयु परेशानी से गुजरे
दोनों छाती के बीच----जीवन सुखी रहे
पेट पर----------उत्तम भोजन का इच्छुक
पीठ पर---------प्राय: यात्रा में रहा करे
दाहिने हथेली पर------बलवान हो
बायीं हथेली पर------खूब खर्च करे
दाहिने हाथ की पीठ पर--धनवान हो
बाएं हाथ की पीठ पर---कम खर्च करे
दाहिने पैर में---------बुद्धिमान हो
बाएं पैर में----------खर्च अधिक हो
देवी उपासना का महापर्व नवरात्र
नवरात्र- नौ दिनों तक देवी उपासना का महापर्व है। गांव और शहरों में जगह जगह शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा की आकर्षक प्रतिमा भव्य पंडालों में स्थापित कर उसकी पूजा-अर्चना की जाती है। ग्राम देवी, देवी मंदिरों और ठाकुरदिया में जवारा बोई जाती है, मनोकामना ज्योति प्रज्वलित की जाती है ॥ हजारों लीटर तेल और घी इसमें खप जाता है। लोगों का विश्वास है कि मनोकामना ज्योति जलाने से उनकी कामना पूरी होती है और उन्हें मानसिक शांति मिलती है। इस अवसर पर देवी मंदिरों तक आने-आने के लिए विशेष बस और ट्रेन चलायी जाती है। इसके बावजूद दर्शनार्थियों की अपार भीड़ सम्हाले नहीं सम्हलता, मेला जैसा दृश्य होता है। कहीं कहीं नवरात्र मेला लगता है। गांव में तो नौ दिनों तक धार्मिक उत्सव का माहौल होता है। शहरों में भी मनोरंजन के अनेक आयोजन होते हैं। कोलकाता और बिलासपुर का दुर्गा पूजा प्रसिद्ध है। दूर दूर से लोग यहां आते हैं। छत्तीसगढ़ में शिवोपासना के साथ शक्ति उपासना प्राचीन काल से प्रचलित है। कदाचित इसी कारण शिव भी शक्ति के बिना शव या निष्क्रिय बताये गये हैं। योनि पट्ट पर स्थापित शिवलिंग और अर्द्धनारीश्वर स्वरूप की कल्पना वास्तव में शिव-शक्ति या प्रकृति-पुरूष के समन्वय का परिचायक है। मनुष्य की शक्तियों को प्राप्त करने की इच्छा शक्ति ने शक्ति उपासना को व्यापक आयाम दिया है। मनुष्य के भीतर के अंधकार और अज्ञानता या पैशाचिक प्रवृत्तियों से स्वयं के निरंतर संघर्ष और उनके उपर विजय का संदेश छिपा है। परिणामस्वरूप दुर्गा, काली और महिषासुर मिर्दनी आदि देवियों की कल्पना की गयी जो भारतीय समाज के लिए अजस्र शक्ति की प्ररणास्रोत बनीं। शैव धर्म के प्रभाव में बृद्धि के बाद शक्ति की कल्पना को शिव की शक्ति उमा या पार्वती से जोड़ा गया और यह माना गया कि स्वयं उमा, पार्वती या अम्बा समय समय पर अलग अलग रूप ग्रहण करती हैं। शक्ति समुच्चय के विभिन्न रूपों में महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती प्रमुख बतायी गयी हैं। देवी माहात्म्य में महालक्ष्मी रूप में देवी को चतुर्भुजी या दशभुजी बताया गया है और उनके हाथों में त्रिशूल, खेटक, खड्ग, शक्ति, शंख, चक्र, धनुष तथा एक हाथ में वरद मुद्रा व्यक्त करने का उल्लेख मिलता है। देवी के वाहन के रूप में सिंह (दुर्गा, महिषमिर्दनी, उमा), गोधा (गौरी, पार्वती), पद्म (लक्ष्मी), हंस (सरस्वती), मयूर (कौमारी), प्रेत या शव (चामुण्डा) गर्दभ (शीतला) होते हैं। छत्तीसगढ़ में राजा-महाराजा और जमींदार देवी की प्रतिष्ठा अपने कुल देवी के रूप में कराया था जो आज शक्तिपीठ के रूप में जाना जाता है। उनकी कुल देवियां उन्हें न केवल शक्ति प्रदान करती थीं बल्कि उनका पथ प्रदर्शन भी करती थी। छत्तीसगढ़ के राजा-महाराजा और जमींदारों की निष्ठा या तो रत्नपुर या फिर संबलपुर के शक्तिशाली महाराजा के प्रति थी। कदाचित् यही कारण है कि यहां या तो रत्नपुर की महामाया देवी या फिर संबरपुर की समलेश्वरी देवी विराजित हैं। कुछ स्थानीय देवियां भी हैं जैसे- सरगुजा की सरगुजहीन देवी, दंतेवाड़ा की दंतेश्वरी देवी, कोसगढ़ की कोसगई देवी, अड़भार की अष्टभुजी देवी, चंद्रपुर की चंद्रहासिनी देवी प्रमुख है इसके अलावा डोंगरगढ़ की बमलेश्वरी देवी, कोरबा की सर्वमंगला, शिवरीनारायण की अन्नपूर्णा, खरौद की सौराइन दाई, केरा, पामगढ़ और दुर्ग की चण्डी देवी, बालोद की गंगा मैया, खल्लारी की खल्लाई देवी, खोखरा और मदनपुर की मनका दाई, मल्हार की डिडनेश्वरी देवी, जशपुर की काली माई, रायगढ़ की बुढ़ी माई, चैतुरगढ़ की महिषासुर मिर्दनी, रायपुर की बंजारी देवी शक्ति उपासना के केंद्र बने हुए हैं। अनेक स्थानों पर ``शक्ति चौरा`` भी बने हुए हैं। शाक्त परंपरा में आदि भवानी को मातृरूप में पूजने की सामाजिक मान्यता है। माताओं और कुंवारी कन्या का शाक्त धर्म में बहुत ऊंचा स्थान है। शादी-ब्याह जैसे मांगलिक अवसरों में देवी-देवताओं को आदरपूर्वक न्यौता देने के लिए देवालय यात्रा का विधान है। इसीप्रकार अकाल, महामारी, भुखमरी आदि को दैवीय प्रकोप मानकर उसकी शांति के लिए धार्मिक अनुष्ठान किये जाते हैं। तत्कालीन साहित्य में ``बलि`` दिये जाने का उल्लेख मिलता है। आज भी कहीं कहीं पशु बलि दिया जाता है। बहरहाल, शक्ति संचय, असुर और नराधम प्रवृत्ति के लिए मां भवानी की उपासना और पूजा-अर्चना आवश्यक है। इससे सुख, शांति और समृिद्ध मिलती है। ऐसे ममतामयी मां भवानी को हमारा शत् शत् नमन..। या देवी सर्व भूतेषु, शक्तिरूपेण संस्थित:। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
--आलेख, लेखन एवं प्रस्तुति,
प्रो. अश्विनी केशरवानी
राघव, डागा कालोनी, चांपा-495671 (छ.ग.)
--आलेख, लेखन एवं प्रस्तुति,
प्रो. अश्विनी केशरवानी
राघव, डागा कालोनी, चांपा-495671 (छ.ग.)
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Sunday, March 22, 2009
Earth Hour- Switch Off Your Lights For One Hour
Switch off your lights for one hour- Earth Hour and join the world in making the statement against global warming. Earth hour in India will be celebrated on 28th march 2008 from 8:30 Pm to 9:30 PM IST. People from over 1858 cities across 81 countries are turning off their lights to VOTE EARTH. You can vote too. You can choose between the Earth and Global Warming in the world's first global election. Use your light to switch to vote.
Earth Hour began in Sydney in 2007, when 2.2 million homes and businesses switched off their lights for one hour. In 2008 the message had grown into global sustainability movement with 50 million people switching off their lights.
WWF is urging the world to VOTE EARTH and reach the target of 1 billion votes which will be presented to world leaders at Global Climate Change Conference in Copenhagen 2009. This meeting will determine official government policies to take action against global warming, which will replace the Kyoto Protocol. It is the chance for the people of the world to make their voice heard.
So please VOTE EARTH against Global warming ad save earth. simply participate by just switching off your lights for one hour only. Tell your friends and family and spread the word to everyone you know. Visit EARTH HOUR website and learn more.
Earth Hour began in Sydney in 2007, when 2.2 million homes and businesses switched off their lights for one hour. In 2008 the message had grown into global sustainability movement with 50 million people switching off their lights.
WWF is urging the world to VOTE EARTH and reach the target of 1 billion votes which will be presented to world leaders at Global Climate Change Conference in Copenhagen 2009. This meeting will determine official government policies to take action against global warming, which will replace the Kyoto Protocol. It is the chance for the people of the world to make their voice heard.
So please VOTE EARTH against Global warming ad save earth. simply participate by just switching off your lights for one hour only. Tell your friends and family and spread the word to everyone you know. Visit EARTH HOUR website and learn more.
Saturday, March 21, 2009
केसरवानी वैश्य सभा लखनऊ का ७०वां वार्षिकोत्सव एवं होली मिलन समारोह दिनांक ०९ अप्रैल, २००९ दिन ब्रहस्पतिवार को आयोजित किया जा रहा है। आपसे अनुरोध है कि बाल-गोपाल सहित अधोलिखित कार्यक्रम मे लेकर समारोह को सफल बनायें।
हवन:- प्रातः ९ बजे , लाला हीरालाल केसरवानी धर्मशाला, नरही, लखनऊ मे,
सांस्कृतिक कार्यक्रम :- सायं ६ बजे गाँधी भवन, प्रेक्षाग्रह, निकट शहीद स्मारक, लखनऊ
कृपया उक्त सन्दर्भ मे निम्न सूचनाएँ भी नोट करें:-
१) समारोह स्थल पर ही वर्ष २००८-०९ के लिए सभा का सदस्यता शुल्क रुपये १५/- प्रति व्यस्क की दर से जमा कर रसीद अवश्य प्राप्त करें।
२) सांस्कृतिक कार्यक्रम मे भाग लेने के लिए इच्छुक बालक- बालिकाओं से निम्न निवेदन है कि :
४) भोजन की व्यवस्था कूपन द्वारा की गई है । व्यय की आंशिक प्रतिपूर्ति हेतु कूपन का मूल्य निर्धारित किया जायेगा। कृपया सहयोग करें।
- मंसूरी लाल केसरवानी
मंत्री
हवन:- प्रातः ९ बजे , लाला हीरालाल केसरवानी धर्मशाला, नरही, लखनऊ मे,
सांस्कृतिक कार्यक्रम :- सायं ६ बजे गाँधी भवन, प्रेक्षाग्रह, निकट शहीद स्मारक, लखनऊ
कृपया उक्त सन्दर्भ मे निम्न सूचनाएँ भी नोट करें:-
१) समारोह स्थल पर ही वर्ष २००८-०९ के लिए सभा का सदस्यता शुल्क रुपये १५/- प्रति व्यस्क की दर से जमा कर रसीद अवश्य प्राप्त करें।
२) सांस्कृतिक कार्यक्रम मे भाग लेने के लिए इच्छुक बालक- बालिकाओं से निम्न निवेदन है कि :
- सांस्कृतिक कार्यक्रम के पूर्वाभ्यास हेतु दिनांक ५ अप्रैल २००९ दिन रविवार को अपराह्न १ बजे से लाला हीरालाल धर्मशाला, नरही अवश्य पधारें।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम में सहभागिता की सूचना कार्यक्रम की संयोजिका श्रीमती बीना केसरवानी, गोमतीनगर (मोबाइल: ९४५०३५८५८५) अथवा श्रीमती आशा केसरवानी, एल्डिको उद्द्यान(दूरभाष- ०५२२-२५५२२०८) अथवा सभा के मंत्री को दनांक ३१ मार्च, २००९ तक अवश्य दे दें।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम मे केवल चयनित कार्यक्रम को वरीयता दी जायेगी।
- अन्य कार्यक्रमों को शामिल करने हेतु समारोह स्थल पर श्री बृजेश केसरवानी से संपर्क किया जा सकता है। लेकिन इस सम्बन्ध में अन्तिम निर्णय स्तिथियों पर निर्भर करेगा।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम मे भाग लेने के लिए आवश्यक ड्रेस, मकेउप का समान, वाद्य यन्त्र, कैसेट, आदि की व्यवस्था स्वयं करनी होगी।
- फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता हेतु दो आयु वर्ग निश्चित किए गए है (१) ६ वर्ष तक, तथा, (२) ७ वर्ष से १६ वर्ष तक।
- श्री सोहन लाल वैश्य -माता बदल स्मारक ट्राफी (वर्ष २००७-०८ के सर्वोत्तम विद्यार्थी को)
- श्री मंसूरी लाल केसरवानी द्वारा हाथ घड़ी (वर्ष २००८ की कक्षा १० की परीक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिए।
- श्री विश्वनाथ सर्राफ द्वारा मैडल (प्रथम श्रेणी मे वर्ष २००८ की अन्तिम परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए)
- श्री गुंजन केसरवानी, नरही द्वारा स्व० रामनाथ सर्राफ स्मारक ट्राफी (वर्ष २००८ की इंटर परीक्षा मे सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिए)
- श्री आर सी पी केशरी (पार्क रोड) द्वारा वर्ष २००८ की स्नातक परीक्षा मे सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिए
- श्री शेष कुमार सर्राफ (आलमबाग) द्वारा स्व० पार्वती केसरवानी स्मारक पुरुस्कार (वर्ष २००८ में प्रतिष्ठित व्यवसायिक परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए)
- श्री जे पी गुप्ता (हजरतगंज) द्वारा स्व० बाबूलाल केसरवानी स्मारक ट्राफी (वर्ष २००८-२००९ के केसरवानी वैश्य सभा लखनऊ के वि कार्यकर्ता को )
- श्री आर सी पी केशरी, पार्क रोड द्वारा वर्ष २००८-०९ में ८० वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले बुजुर्गों को सम्मानित किया जाएगा । कृपया सम्बंधित जानकारी मंत्री को दिनांक ३१ मार्च, २००९ तक मंत्री को अवश्य उपलब्ध करा दें।
४) भोजन की व्यवस्था कूपन द्वारा की गई है । व्यय की आंशिक प्रतिपूर्ति हेतु कूपन का मूल्य निर्धारित किया जायेगा। कृपया सहयोग करें।
- मंसूरी लाल केसरवानी
मंत्री
Monday, March 16, 2009
पुणे मे प्रथम केसरवानी होली मिलन कार्यक्रम संपन्न
केसरवानी समाज के लोगों को एक सूत्र मे पिरोने मे तथा उन्हें एक दूसरे को जानने समझने मे स्थानीय स्तर पर छोटे छोटे कार्यक्रम का विशेष महत्त्व होता है। पूरे देश मे केसरवानी संगठन एवं समाज के कार्यकर्ताओं द्वारा कार्यक्रम हुआ करते है। इसी क्रम मे श्री मनोज कुमार केसरवानी ने संभवतः पहली बार पुणे शहर मे केसरवानी बंधुओं का एक होली मिलन समाहरोह दिनांक १५ मार्च २००९ को चोखी धानी विलेज, वाघोली, पुणे मे आयोजित किया जिसमे केसरवानी समाज के कई पुरूष, महिलाओं एवं बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इस आयोजन मे केसरवानी बंधुओं ने एक दूसरे का परिचय प्राप्त किया, ऊँट की सवारी का आनंद लिया, खेल खेले, घूमर नृत्य का आनंद लिया एवं अंत मे रात्रि मे मिलजुल कर एकसाथ भोज का आनंद लिया। इस सफलपूर्वक आयोजित कार्यक्रम मे दीप्ति केशरी, प्रशांत एवं स्वेता का भी योगदान रहा।
एकसाथ रात्री भोज का आनंद लेते हुए
पुणे मे आयोजित केसरवानी होली मिलन समारोह के अन्य छायाचित्र आप इस लिंक के जरिये देख सकतें है। यदि आप केसरवानी याहू ग्रुप के सदस्य हैं तो ग्रुप के फोटो सेक्शन मै भी आप इसे देख सकते है।
आशा है भविष्य मे इस तरह के और सफल कार्यक्रम आयोजित होते रहेंगे जिससे केसरवानी समाज मे परस्पर मैत्री और प्रेम का और विकास होगा।
इस आयोजन मे केसरवानी बंधुओं ने एक दूसरे का परिचय प्राप्त किया, ऊँट की सवारी का आनंद लिया, खेल खेले, घूमर नृत्य का आनंद लिया एवं अंत मे रात्रि मे मिलजुल कर एकसाथ भोज का आनंद लिया। इस सफलपूर्वक आयोजित कार्यक्रम मे दीप्ति केशरी, प्रशांत एवं स्वेता का भी योगदान रहा।
एकसाथ रात्री भोज का आनंद लेते हुए
पुणे मे आयोजित केसरवानी होली मिलन समारोह के अन्य छायाचित्र आप इस लिंक के जरिये देख सकतें है। यदि आप केसरवानी याहू ग्रुप के सदस्य हैं तो ग्रुप के फोटो सेक्शन मै भी आप इसे देख सकते है।
आशा है भविष्य मे इस तरह के और सफल कार्यक्रम आयोजित होते रहेंगे जिससे केसरवानी समाज मे परस्पर मैत्री और प्रेम का और विकास होगा।
Saturday, March 14, 2009
एक अजन्मी बेटी की चिट्ठी माता पिता और समाज के नाम
चार माह कि बच्ची थी। इस इंतज़ार मे कि इस दुनिया मे आएगी, खूब पढेगी लिखेगी और अपने माता पिता का नाम रोशन करेगी। अनेकों रिश्तों को अपने भीतर समेटे हुए एक नई दुनिया मे आने के उल्लास से भरी हुई थी। पहले बेटी का फ़र्ज़ निभाएगी और फ़िर एक पत्नी का और फ़िर एक माँ का। रक्षाबंधन पर अपने प्यारे भाई कि कलाई पर राखी बांधेगी... पर उसे क्या पता था कि बाहर क्या हो रहा है। उसके माँ बाप और परिवार वालों को तो सिर्फ़ बेटे का इंतज़ार था। मशीनों के ज़रिये चुपके से उसकी जांच पड़ताल कराई जा रही थी और यह जानकर कि वह एक कन्या है उसे मारने कि तैयारी चल रही थी। पर न जाने कैसे उसे भनक लग गई और आँख मे आंसू लिए फ़िर उसने मरते मरते लिखी एक चिट्ठी......
क्यूँ मार दिया मुझे आपनेप्यारे मम्मी पापा और प्यारे समाज
इस दुनिया मे आने से पहले
क्यूँ मार दिया मुझे आपने
यह जानकर कि मै एक लड़की हूँ?
क्या यह सोचकर कि
बनूँगी आपके जीवन पर एक बोझ
जिसे ढोना पड़ेगा मेरी शादी तक
मुझे खिलाओगे पिलाओगे
पढाओगे लिखाओगे और एक दिन
करना पड़ेगा विदा
भेजना पड़ेगा परदेस
बांधना पड़ेगा मुझे किसी खूटे से
एक निरीह गाय की तरह
क्या इस डर से मार दिया मुझे आपने
इस दुनिया मे आने से पहले?
कि जुटाना पड़ेगा दहेज़
विवाह मे न जाने होगा कितना दहेज़
न जुड़ पाया दहेज़ तो गिरवी रखनी होगी
जमा पूँजी, मकान और जीवन,
क्या इस वजह से मार दिया मुझे
अरे अगर लगता है बेटी एक बोझ
तो देखो एक बार अपनी माँ की तरफ़
वो भी थी किसी कि बेटी
और अगर वोह भी मार दी गई होती
पैदा होने से पहले तो
नही होता आपका कोई अस्तित्व
किसी कि बेटी के कारण ही
है आज है आप लोगों का जीवन
और आज हो गई है नफरत
आपको अपनी ही बेटी से
क्या इसी लिए मार दिया आपने
मुझे इस दुनिया मे आने से पहले?
मेरे मम्मी पापा और मेरे प्यारे समाज
अगर आप सब ऐसे ही मारते रहे
ढूंढ ढूंढ कर बेटिओं को
इस दुनिया मे आने से पहले
तो कैसे आयेंगे भविष्य मे बेटे?
क्यूंकि बेटा भी तो जानती है माँ
और बेटी ही तो बनती है एक माँ
काश आप मुझे मरने से बचा लेते
मुझे आने देते इस संसार मे
मै नही बनती आप पर कोई बोझ
मै पढ़ लिख कर अपने पैरों पर खड़ी हो सकती थी,
और ठुकरा सकती थी दहेज़ लोभी वर को
मै अपनी आत्म शक्ति और आत्मनिर्भरता से
लड़ लेती इस संसार से
मै भी उड़ना चाहती थी
स्वछंद आकाश मे
पर आपने छीन ली मुझसे
मेरी इच्छाएं और आकांक्षाएं
और मर जाने दिया मुझे अपने स्वार्थ मे
आपके इस अपराध के लिए
मै आपको कभी माफ़ नही कर सकती
कभी नही , कभी नही , कभी नही
----आपकी अजन्मी बेटी
Tuesday, March 10, 2009
वाराणसी मे केसरवानी होली मिलन समारोह
मित्रों आगामी १५ मार्च २००९ को जैन धर्मशाला, मैदागिन, वाराणसी मे सायंकाल ५ बजे से होली मिलन एवम शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम कि विस्तृत विवरण निम्न है-
रंगारंग होलियाना गीत -
गायक- महेंद्र मिश्रा एवं मनोज तिवारी
गायक- महेंद्र मिश्रा एवं मनोज तिवारी
मुख्य अतिथि-
माननीय नन्द गोपाल गुप्ता, (नंदी) प्रदेश अध्यक्ष एवं मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार।
माननीय नन्द गोपाल गुप्ता, (नंदी) प्रदेश अध्यक्ष एवं मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार।
विशिष्ट अतिथि-
श्री अरुण गुप्ता, (प्रदेश अध्यक्ष) अखिल भारतीय केसरवानी वैश्य सभा, एवं श्री अनिल केशरी (केशरी फिल्लिंग) वाराणसी।
श्री अरुण गुप्ता, (प्रदेश अध्यक्ष) अखिल भारतीय केसरवानी वैश्य सभा, एवं श्री अनिल केशरी (केशरी फिल्लिंग) वाराणसी।
संरक्षक :
अजय केशरी (राष्ट्रीय महामंत्री)
संजय केशरी (प्रदेश महामंत्री)
सुनील केशरवानी 'राना' (प्रदेश संगठन मंत्री)
बबलू मामा ( प्रदेश मंत्री)
संजय केशरी (प्रदेश महामंत्री)
सुनील केशरवानी 'राना' (प्रदेश संगठन मंत्री)
बबलू मामा ( प्रदेश मंत्री)
कार्यक्रम संयोजक-
आत्म विशेश्वर, गोपाल गुरु, राजेश केशरी, महेंद्र दरीबा, सुरेश केशरी, विजय, संदीप केशरी (सोनू), नागेश केशरी
आत्म विशेश्वर, गोपाल गुरु, राजेश केशरी, महेंद्र दरीबा, सुरेश केशरी, विजय, संदीप केशरी (सोनू), नागेश केशरी
अध्यक्ष
विजय केशरी
वरिष्ठ उपाध्यक्ष
महेंद्र केशरी
महामंत्री
लल्ली चौधरी
कोषाध्यक्ष
संतोष केशरी
हंसो हंसो, मौज मनाओ, साथ मे बनारसी ठंडाई एवं चकाचक रात्रि भोज के साथ मौज मनाओ
विजय केशरी
वरिष्ठ उपाध्यक्ष
महेंद्र केशरी
महामंत्री
लल्ली चौधरी
कोषाध्यक्ष
संतोष केशरी
हंसो हंसो, मौज मनाओ, साथ मे बनारसी ठंडाई एवं चकाचक रात्रि भोज के साथ मौज मनाओ
(सूचना श्री रवि प्रकाश केशरी, वाराणसी द्वारा प्रेषित)
Saturday, March 7, 2009
कविता: नारी {८ मार्च नारी दिवस विशेष}
वर्षो से जकड़ी जंजीरे
तोड़ दे सरे बंधन
नित आगे बढ़ने से तेरा
होगा हरदम अभिनन्दन !
घर की ऊँची दीवारों में
तू क्यों आंसू रोती है
दिया ईश ने तुझको शक्ति
फ़िर क्यो अबला बनती है !
तू सीता है तू सावित्री
तू इंदिरा तू लक्ष्मीबाई
तेरे चरणों में हरदम
दुनिया शीश झुकाती आई !
तू शिव की शक्ति है
और ईश की माया
तेरे को जिसने दुत्कारा
वो पीछे पछताया !
उठ जा तन जा हो तैयार
जग से ले लोहा एक बार
तेरे बुलंद हौसले से होगी
होगी तेरी विजय हर बार !
-रवि प्रकाश केशरी
वाराणसी {९८८९६८५१६८}
वाराणसी {९८८९६८५१६८}
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International Womens Day,
Poems,
कवितायें,
नारी दिवस
Monday, March 2, 2009
Kesarwani Matrimonial: Sushil Chandra Kesarwani
Name : Sushil Chandra Kesarwani
Date Of Birth: October 26, 1978
Father's Name: Sangam Lal Kesarwani
Father's Occupation: Business
Mother's Name: Smt. Vijay Laxmi (Housewife)
Height: 5" 1'
Physical Stature: Slim, Athletic and Fair complexion
Educational Qualification: MBA from Lucknow University ( Specialisation in Marketing)
Current Occupation: Service ( Working as a Territory Sales Manager- Sales in Oxygen Services India Pvt Ltd. Lucknow)
Annual Income: 3.5 Lacs PA
Hobbies and Interests: Listening to Music, Watching and playing Cricket, Reading Books and Magazines, Travelling etc.
Brother's Name: Sachin Kumar Kesarwani
Sister: Smt Neetu Kesarwani (Married)
Brother-In-Law: Mr. Prashant Kesarwani
Permanent Address: 917, Chandapur Ka Hatha, (Beside Ram Krishna Mission Library, Mutthiganj, Allahabad, Uttar Pradesh, India.
Mailing Address: B 1/208, Vikrant Khand, Gomtinagar, Lucknow.
Email: sushil.kesarwani@myoxigen.com, sushil_luko@rediffmail.com
Mobile: +919793858888, +919307446528
Brief Summary: I am Sushil currently working in Telecom Industry. I am handsome, slim and good-looking guy. I love reading, listening Music, Playing cricket and travelling. My Hobbies include making friends and sitting beside a river or sea. I have nuclear family, which include parents and Younger brother and sister. My Goal in life is to earn name fame and of course a lot of money and be successful in whatever I do. I value Indian traditions and culture mixed with modernity. The Kind of spouse I am looking for who has a right mix of modernity and Indian values. She should know cooking. She must be straightforward, honest and loyal. She should be slim, fair and beautiful. She should be caring loving and understanding. She should be intelligent along with good sense of humor. She should happen to be a good life partner.
होली ज़रूर खेले पर रखे इसका ध्यान
"होली" मतलब मस्ती, रंग, पिचकारी, हुडदंग, गुझिया और पकवान। बस कुछ ही दिनों बाद ११ मार्च २००९ को भारत का एक प्रमुख पर्व होली मनाई जायेगी। यह एक ऐसा त्यौहार है जिसमे लोग आपस के बैर भाव भुलाकर मस्ती के एक ही रंग मे रंग जाते है। मस्ती मे झूमते रंग बिरंगे चेहरों मे घुमते नाचते गाते लोगों कि टोलियाँ, लाल पीला हरा गुलाबी हवा मे उड़ता गुलाल, और बच्चे? तो पूछिए मत! पिचकारी और रंग लिए एक दूसरे के पीछे दौड़ते भागते दिखायी देते है। होली है ही ऐसा त्यौहार जो हमे सिखाता है कि हम अमीरी गरीबी, धर्म और जाति के भेद भाव से ऊपर उठकर एक रंग मे रंग जाए। कुछ लोग तो होली का बेसब्री से इंतज़ार करते है और खूब मस्ती करते है और कुछ लोग तो रंगों के डर से घर से बाहर ही नही निकलते है। कुछ को गुलाल से होली खेलना पसंद आता है तो किसी को रंग से भरी पिचकारी से।
भारत के अलग अलग प्रान्तों मे होली खेलने के अलग अलग ढंग है। ब्रज कि जहाँ लट्ठमार होली प्रसिद्ध है तो कहीं फूलों कि होली। कहीं कहीं तो सप्ताह भर तक होली खेली जाती है। पर सबका एक ही मकसद, भूल जाए सारे भेदभाव और डूब जाए मस्ती और प्रेम के रंग मे।
होली मस्ती से वैसे तो चूकना नही चाहिए पर होली खेलने से पहले कुछ सावधानियां अगर बरत ली जायें तो त्वचा और कत्रिम रंगों से होने वाले नुक्सान से काफ़ी हद तक बचा जा सकता है। एक समय था जब टेसू के फूल से रंग बनाये जाते है पर आजकल तो कत्रिम रंगों का ही बोलबाला है। ऐसे मे सावधानी बरतना बहुत ज़रूरी है।
कत्रिम रंगों मे कई तरह के रासायनिक और विषैले पदार्थ मिले होते है जो त्वचा, नाखून व नाक मुंह से शरीर मे प्रवेश कर जाते है जो हानिकारक होतें है। होली ज़रूर खेले पर निम्न बातों का भी ध्यान रखें तो होली कि मस्ती और बढ़ जायेगी-
भारत के अलग अलग प्रान्तों मे होली खेलने के अलग अलग ढंग है। ब्रज कि जहाँ लट्ठमार होली प्रसिद्ध है तो कहीं फूलों कि होली। कहीं कहीं तो सप्ताह भर तक होली खेली जाती है। पर सबका एक ही मकसद, भूल जाए सारे भेदभाव और डूब जाए मस्ती और प्रेम के रंग मे।
होली मस्ती से वैसे तो चूकना नही चाहिए पर होली खेलने से पहले कुछ सावधानियां अगर बरत ली जायें तो त्वचा और कत्रिम रंगों से होने वाले नुक्सान से काफ़ी हद तक बचा जा सकता है। एक समय था जब टेसू के फूल से रंग बनाये जाते है पर आजकल तो कत्रिम रंगों का ही बोलबाला है। ऐसे मे सावधानी बरतना बहुत ज़रूरी है।
कत्रिम रंगों मे कई तरह के रासायनिक और विषैले पदार्थ मिले होते है जो त्वचा, नाखून व नाक मुंह से शरीर मे प्रवेश कर जाते है जो हानिकारक होतें है। होली ज़रूर खेले पर निम्न बातों का भी ध्यान रखें तो होली कि मस्ती और बढ़ जायेगी-
- जहाँ तक हो सके तो केवल प्राकृतिक और शुद्ध रंगों का ही इस्तेमाल करें
- होली खेलने से पहले शरीर मे अच्छी तरह से तेल या वैसलीन लगा ले जिससे विषैले तत्व शरीर मे प्रवेश न कर सकें।
- ऐसे कपड़े पहन कर होली खेले जिससे शरीर का अधिकांश हिस्सा ढका रहे।
- महिलाएं अपने नाखूनों पर नेल पोलिश लगा ले तो नाकों सुरक्षित रहेंगे।
- बालों पर भी अच्छी तरह से तेल लगा लेना चाहिए और हो सके तो टोपी का इस्तेमाल करे जिससे बाल बचे रहे।
- होली खेलने के बाद रंग छुडाने के लिए मिटटी का तेल या पेट्रोल जैसे पदार्थ का प्रयोग न करें।
- रंगों को छुडाने के लिए त्वचा को घिसना नही चाहिए इससे त्वचा मे जलन होगी।
- अपनी आखों का विशेष ध्यान रखें। आंखों को रंग, गुलाल, अबीर आदि से बचाएँ। यदि कुछ रंग आँख मे चला जाए तो तुंरत पानी से धो ले।
- यदि रंग ना छूट रहें हो तो बेसन के उबटन से उसे छुडाना चाहिए।
- रंग खेलने के बाद त्वचा रूखी हो जाती है अतः उसे तारो ताज़ा करने के लिए बेसन या मलाई का पेस्ट बना कर लगायें ।
लगन हो तो नेत्रहीन भी आई ए एस
कहतें है हिम्मत हो तो क्या कुछ नही कर दिखाया जा सकता है। लगन , आत्मविश्वास और मेहनत से इंसान कुछ भी कर सकता है। ऐसी ही मिसाल है दिल्ली के रवि प्रकश गुप्ता जिन्होंने ने नेत्रहीन होते हुए भी वर्ष २००६ मे भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की परीक्षा मे सफलता का परचम लहराया। आई ए एस की परीक्षा पास करने के बावजूद उन्हें नियुक्ति नही दी जा रही थी जिसके खिलाफ वे न्यायालय गए और वहां भी उन्हें जीत हासिल हुई।
श्री रवि प्रकाश गुप्ता जी को रेटिना की रेटिना पिग्मेंतोसा नामक बिमारी हो गई थी जिसकी वजह से १९९१ से उनकी आंखों की रौशनी धीरे धीरे कम होने लगी और १९९४ तक उन्हें बिल्कुल दिखाई देना बंद हो गया। लेकिन उन्होंने नेत्रहीन होने के बावजूद हिम्मत नही हारी और लगन से पढ़ाई की और सफल हुए।
एक समाचार पत्र के साक्षात्कार मे वे कहते है की वे अपनी पत्नी रेणू से पुस्तकों की रिकॉर्डिंग कैसेट मे करवाते थे और फिर उसे सुन कर पढ़ाई करते थे। पहली बार की २००५ की परीक्षा मे वे साक्षात्कार मे नही पास हो पाए थे पर दूसरी बार २००६ मे वे सफल रहे और उन्होंने ने वो कर दिखाया जो नेत्रवालों को मुश्किल से हासिल हो पाता है। उन्होंने २००७ मे नियुक्ति न दिए जाने पर न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया था और अंततः जीत उनकी हुई।
सचमुच रवि प्रकाश गुप्ता जी की यह सफलता काबिले तारीफ़ और प्रेरक है। उन्हें इस उपलब्धि के लिए ढेरों बधायी।
श्री रवि प्रकाश गुप्ता जी को रेटिना की रेटिना पिग्मेंतोसा नामक बिमारी हो गई थी जिसकी वजह से १९९१ से उनकी आंखों की रौशनी धीरे धीरे कम होने लगी और १९९४ तक उन्हें बिल्कुल दिखाई देना बंद हो गया। लेकिन उन्होंने नेत्रहीन होने के बावजूद हिम्मत नही हारी और लगन से पढ़ाई की और सफल हुए।
एक समाचार पत्र के साक्षात्कार मे वे कहते है की वे अपनी पत्नी रेणू से पुस्तकों की रिकॉर्डिंग कैसेट मे करवाते थे और फिर उसे सुन कर पढ़ाई करते थे। पहली बार की २००५ की परीक्षा मे वे साक्षात्कार मे नही पास हो पाए थे पर दूसरी बार २००६ मे वे सफल रहे और उन्होंने ने वो कर दिखाया जो नेत्रवालों को मुश्किल से हासिल हो पाता है। उन्होंने २००७ मे नियुक्ति न दिए जाने पर न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया था और अंततः जीत उनकी हुई।
सचमुच रवि प्रकाश गुप्ता जी की यह सफलता काबिले तारीफ़ और प्रेरक है। उन्हें इस उपलब्धि के लिए ढेरों बधायी।
Sunday, March 1, 2009
कविता : मस्ती, प्रेम, रंग, गुझिया का त्यौहार "होली"
बस कुछ ही दिन शेष है, रंगों के प्यारे के त्यौहार मे। रंग, पिचकारी, गुझिया, मस्ती का त्यौहार होली !!
प्रस्तुत है रवि केशरी जी कि कविता होली के सन्दर्भ मे-
प्रस्तुत है रवि केशरी जी कि कविता होली के सन्दर्भ मे-
रंग फुहारों से हर ओर
भींग रहा है घर आगंन
फागुन के ठंडे बयार से
थिरक रहा हर मानव मन !
लाल गुलाबी नीली पीली
खुशियाँ रंगों जैसे छायीं
ढोल मजीरे की तानों पर
बजे उमंगों की शहनाई !
गुझिया पापड़ पकवानों के
घर घर में लगते मेले
खाते गाते धूम मचाते
मन में खुशियों के फूल खिले !
रंग बिरंगी दुनिया में
हर कोई लगता एक समान
भेदभाव को दूर भागता
रंगों का यह मंगलगान !
पिचकारी के बौछारों से
चारो ओर छाई उमंग
खुशियों के सागर में डूबी
दुनिया में फैली प्रेम तरंग !
- रवि प्रकाश केशरी
वाराणसी
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